बस दस रुपये में घर बैठे पता चलेगा किडनी का संक्रमण
सेहतराग टीम
किडनी का संक्रमण शरीर को कई गंभीर बीमारियों की चपेट में ला सकता है क्योंकि किडनी शरीर के वाइटल अंगों में शुमार किया जाता है। कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को हृदय संबंधी रोग हो गया हो तो उसे किडनी की जांच भी जरूर करानी चाहिए क्योंकि अधिकांश मामलों में हृदय रोग के साथ किडनी भी प्रभावित हो जाती है। ऐसे में यदि किडनी में किसी प्रकार का संक्रमण हो जाए तो उसका पता लगाना जरूरी होता है।
कैसे पता लगेगा संक्रमण का
अभी तक किडनी की किसी परेशानी का पता लगाने के लिए खून की जांच ही एक तरीका है मगर अब आईआईटी दिल्ली के एक शोधार्थी ने एक ऐसी स्ट्रिप बनाने का दावा किया है जिससे किडनी के किसी संक्रमण का पता सिर्फ 5 सेकेंड में चल जाएगा। इस स्ट्रिप को बनाने की लागत सिर्फ चार रुपये आई है और माना जा रहा है कि बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद आम लोगों तक पहुंचाने में इसकी कीमत 10 रुपये तक आ सकती है। यानी सिर्फ 10 रुपये में ये पता लगाया जा सकता है कि किडनी में कोई संक्रमण तो नहीं है।
क्या कहते हैं रिसर्चर
आईआईटी दिल्ली के बायो मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के रिसर्च स्कॉलर दिनेश कुमार ने अपने गाइड डॉक्टर हरपाल सिंह के मार्गदर्शन में ये स्ट्रिप बनाई है। डॉक्टर हरपाल सिंह का कहना है कि ये किसी प्रेग्नेंसी किट की स्ट्रिप के जैसी स्ट्रिप है जिसे रोगी के मूत्र में डालना होता है। अगर इस स्ट्रिप का रंग तय मानकों के अनुसार बदल जाता है तो इससे पता चलता है कि किडनी किसी न किसी संक्रमण से ग्रस्त है। ऐसे में मरीज को आगे की जांच किसी अच्छे चिकित्सक की निगरानी में करवाने की जरूरत होती है ताकि यह पता चल सके कि संक्रमण किस बीमारी के कारण हो रहा है। यानी यह स्ट्रिक बेसिक संक्रमण की जानकारी मुहैया करा देती है।
किसके लिए ज्यादा फायदेमंद
डॉक्टर सिंह यह भी कहते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए यह स्ट्रिप बेहद कारगर रहने वाली है क्योंकि डायबिटीज के मरीजों में किडनी संबंधी समस्याएं सबसे अधिक आती हैं। यदि किसी को पेशाब में परेशानी या जलन हो रही हो, शरीर के किसी हिस्से में सूजन हो गई हो उसे घर पर ही इस स्ट्रिप की मदद से तुरंत जांच कर लेनी चाहिए। यदि जांच में पता चले कि किडनी में संक्रमण है तो तत्काल आगे की जांच के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
चिकित्सक अभी अंजान
इस स्ट्रिप के बारे में जब सेहतराग ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के नेफ्रोलॉजी विभाग के पूर्व प्रमुख डॉक्टर एस.सी. तिवारी से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी उन्हें इस स्ट्रिप के बारे में कोई जानकारी नहीं है इसलिए वो ये बताने की स्थिति में नहीं हैं कि ये कितना कारगर है। उन्होंने कहा कि पहले तो मरीजों पर इसका असर देखना होता तभी कहा जा सकता है कि ये सच में फायदेमंद है या नहीं।
(अमर उजाला से इनपुट के साथ)
Comments (0)
Facebook Comments (0)